ट्रंप और मादुरो के बीच हुई टेलीफोन वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त
अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच हाल ही में हुई टेलीफोन वार्ता बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस वार्ता में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से उनके इस्तीफे और देश छोड़ने की मांग की, जिसे मादुरो ने पूरी तरह से खारिज कर दिया।
मियामी हेराल्ड के सूत्रों के अनुसार, मादुरो ने वार्ता में दो प्रमुख शर्तें रखीं:
1- पहली, चुनावों की पूरी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सेना पर नियंत्रण बनाए रखना।
2- दूसरी, वे और उनके सभी सहयोगी सभी आरोपों से वैश्विक माफी पाएँ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन दोनों मांगों को तुरंत अस्वीकार कर दिया और मादुरो के इस्तीफे की पुनः मांग की।
टेलीफोन वार्ता के दौरान यह भी प्रस्ताव रखा गया कि, निकोलस मादुरो, उनकी पत्नी और उनके बेटे को सुरक्षित रूप से वेनेज़ुएला छोड़ने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते कि यह तुरंत किया जाए। इस प्रस्ताव में मादुरो के उच्चतम सहयोगियों के लिए भी माफी शामिल थी। हालांकि, मादुरो और उनके सहयोगियों ने इसे अमेरिकी औपनिवेशिक हस्तक्षेप करार दिया और कहा कि अमेरिकी प्रशासन असल में वेनेज़ुएला के तेल भंडार पर क़ब्ज़ा करना चाहता है।
वार्ता विफल होने के बाद, ट्रंप प्रशासन ने वेनेज़ुएला की हवाई सीमाओं को बंद कर दिया और देश में सैन्य कार्रवाई की चेतावनी भी दी। उधर, सितंबर से अमेरिका ने कम से कम 21 जहाजों पर हमला किया है। इन हमलों में यह दावा किया गया कि जहाज ड्रग्स ले जा रहे थे। कुछ घटनाओं में त्रिनिदाद के पास बमबारी के दौरान बचे लोगों को भी मार दिया गया, जिसे “डबल टैप” कहा गया। अमेरिकी रक्षामंत्री पीट हेगसेथ के आदेश पर किए गए इन हमलों को मानवाधिकार विशेषज्ञ गैरकानूनी निष्पादन मान रहे हैं, और अमेरिकी कांग्रेस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस तरह, अमेरिका और वेनेज़ुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दबाव, सैन्य कार्रवाई की धमकियाँ और मानवाधिकार उल्लंघन की चिंताएँ शामिल हैं।

