नेतन्याहू का नया दांव, डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए किया नामांकित
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच व्हाइट हाउस में एक अहम बैठक और रात्रि भोज आयोजित हुआ, जिसमें वैश्विक शांति, मध्य पूर्व की स्थिति और आपसी सहयोग पर विस्तृत चर्चा की गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को वर्ष 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामित किया है।
नेतन्याहू ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कई अंतरराष्ट्रीय विवादों के समाधान में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है और इसी वजह से वे इस पुरस्कार के सही हकदार हैं। उन्होंने बताया कि नोबेल समिति को सिफारिशी पत्र भेजा जा चुका है।
रात्रि भोज के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव, ईरान के साथ बातचीत में हुई प्रगति और इज़रायल की सुरक्षा के मुद्दों पर बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने दुनिया में कई युद्धों को रोका है और ईरान के साथ एक सकारात्मक वार्तात्मक रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब इज़रायल-ईरान तनाव खत्म हो चुका है और आगे किसी सैन्य कार्रवाई की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि फिलिस्तीनियों के लिए बेहतर भविष्य की तलाश जारी है और उनकी सरकार अमेरिका के साथ मिलकर ऐसे देशों की तलाश कर रही है जो फिलिस्तीनी नागरिकों को अच्छा भविष्य और अवसर दे सकें।
गौरतलब है कि जून में राष्ट्रपति ट्रप ने कहा था कि, उन्हें अब तक चार या पांच बार नोबेल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था क्योंकि उनके अनुसार उन्होंने दुनिया के कई बड़े विवादों को खत्म करने में भूमिका निभाई है। फॉक्स न्यूज़ को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि “उन्हें रवांडा के लिए नोबेल मिलना चाहिए था, और अगर आप देखें तो कांगो, सर्बिया, कोसोवो — आप कई देश गिन सकते हैं।
उनके अनुसार सबसे बड़ा मुद्दा भारत और पाकिस्तान है। मुझे ये पुरस्कार चार या पांच बार मिलना चाहिए था।” ध्यान रहे कि 2026 का नोबेल शांति पुरस्कार अक्टूबर 2026 में घोषित किया जाएगा। इस पुरस्कार का निर्णय नॉर्वे की नोबेल समिति करती है, जिसका पाँच सदस्यीय पैनल नॉर्वेजियन संसद द्वारा नियुक्त किया जाता है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को वर्ष 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामित किया है। हैरत की बात यह है कि ट्रंप को नोबेल पुरस्कार देने की सिफारिश वह कर रहा है, जो ग़ाज़ा में नरसंहार कर रहा है, जिसने महिलाओं और मासूम बच्चों तक को नहीं छोड़ा। जिसे खुद अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने युद्ध अपराधी घोषित किया है।

