फ़्रांस में ज़्यादातर लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफ़े के पक्ष में
फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ जनमत लगातार बढ़ता जा रहा है। एक ताज़ा सर्वेक्षण के मुताबिक़, देश के अधिकांश नागरिक अब उनके इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं। फ्रांसीसी रेडियो RTL के लिए किए गए टोलुना-हैरिस इंटरएक्टिव के सर्वे में यह सामने आया कि करीब 73 प्रतिशत फ्रांसीसी नागरिक मैक्रों के इस्तीफ़े का समर्थन करते हैं।
इस सर्वे के नतीजे उस समय आए हैं जब हाल ही में देश के प्रधानमंत्री सेबास्त्यां लेकोरनू ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। यह 2022 के बाद से फ्रांस में प्रधानमंत्री का पाँचवां इस्तीफ़ा है, जिसने सरकार की स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकोरनू के पद छोड़ने के बाद फ्रांसीसी जनता का गुस्सा और असंतोष और भी बढ़ गया है। स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, जनता का मानना है कि प्रधानमंत्री के इस्तीफ़े के पीछे सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी राष्ट्रपति मैक्रों की ही है।
सर्वे में भाग लेने वाले 76 प्रतिशत लोगों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि लेकोरनू के इस्तीफ़े के लिए मुख्य रूप से राष्ट्रपति मैक्रों ही ज़िम्मेदार हैं। लोगों का कहना है कि मैक्रों की नीतियाँ, प्रशासनिक अक्षमता और जनता से कटे होने का रवैया सरकार के भीतर लगातार संकट पैदा कर रहा है।
इसी के साथ एक अन्य सर्वेक्षण, जिसे ओडॉक्सा-बैकबोन कंसल्टिंग ने अख़बार ले फ़िगारो के लिए किया, यह पुष्टि करता है कि 70 प्रतिशत नागरिक मैक्रों से तुरंत पद छोड़ने की मांग कर रहे हैं ।विश्लेषकों का कहना है कि फ्रांस की राजनीति इन दिनों गंभीर अस्थिरता के दौर से गुज़र रही है। लगातार बदलते प्रधानमंत्रियों, बढ़ती बेरोज़गारी, महंगाई और जनविरोधी नीतियों ने जनता के धैर्य को तोड़ दिया है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर यह असंतोष जारी रहा, तो निकट भविष्य में फ्रांस में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। फिलहाल, जनता का रुझान साफ़ है — मैक्रों को अब सत्ता छोड़ देनी चाहिए और देश को एक नई शुरुआत का मौक़ा देना चाहिए।

