मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने बेल्जियम को भेजा सुविधाओं का ब्यौरा
भारत के गृह मंत्रालय (MHA) ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और संबंधित अदालतों को एक औपचारिक पत्र भेजकर आश्वस्त किया है कि यदि 12,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण होता है, तो मुंबई की आर्थर रोड जेल में उन्हें मानवीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हिरासत मिल जाएगी। इसमें पर्याप्त भोजन, स्वच्छ शौचालय, और 24×7 चिकित्सा देखभाल जैसी शर्तें शामिल की गई हैं।
कहां और कैसे रखे जाएंगे?
पत्र के अनुसार, चोकसी को की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा। सरकार ने ‘ओवरक्राउडिंग’ नहीं होने, व्यक्तिगत स्पेस, पर्याप्त रोशनी-हवादार वेंटिलेशन, और साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था जैसे पहलुओं का विवरण साझा किया है। खेल व मनोरंजन के लिए बैडमिंटन, कैरम, शतरंज के विकल्प, योग-सत्र और लाइब्रेरी तक पहुंच का भी उल्लेख किया गया है।
चिकित्सा व्यवस्था
सरकार ने 24×7 उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, नियमित स्वास्थ्य जांच और आवश्यकता पड़ने पर विशेष आहार/दवाओं की सुविधा देने का भरोसा दिया है। रिपोर्टों में जेल अस्पताल की बेड क्षमता और आपात स्थिति में पास के सरकारी अस्पताल को रेफर करने की व्यवस्था का भी हवाला आता है।
कानूनी संदर्भ व अगला कदम
यह विस्तृत ‘अंडरटेकिंग’ इसलिए दी गई है ताकि बेल्जियम की अदालतें यह परख सकें कि भारत में हिरासत यूरोपीय मानवाधिकार मानकों के अनुकूल होगी। इसी हफ्ते दूसरी पखवाड़े में होने वाली सुनवाई/एक्स्ट्राडिशन-हियरिंग से पहले भारत की ओर से यह कदम केस को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
गिरफ्तारी, जमानत और मौजूदा स्थिति
66 वर्षीय चोकसी को इस वर्ष अप्रैल में बेल्जियम के एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया था। हाल में बेल्जियम की अपील अदालत ने उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि वे ‘फ्लाइट-रिस्क’ हैं। अब अदालत प्रत्यर्पण और हिरासत-शर्तों पर भारत के आश्वासनों की पर्याप्तता पर निर्णय लेगी। चोकसी और उनके भांजे नीरव मोदी पर 2018 में पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ के फर्जी ‘एलओयू/क्रेडिट’ के जरिये धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। देश छोड़ने के बाद चोकसी कई वर्षों तक विदेश में कानूनी लड़ाई लड़ते रहे; अप्रैल 2025 में बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद भारत ने औपचारिक प्रत्यर्पण-प्रक्रिया तेज की है।
अगर अदालत संतुष्ट हुई तो…
यदि बेल्जियम की अदालतें इन आश्वासनों को पर्याप्त मानती हैं और कानूनी शर्तें पूरी हो जाती हैं, तो मेहुल चोकसी को सीबीआई मामलों में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जा सकता है।

