डोनाल्ड ट्रंप का दावा, ईरान भी ग़ाज़ा शांति प्रस्ताव से सहमत है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार तड़के दावा किया कि ईरान और हमास सहित पश्चिम एशिया के अधिकांश देश ग़ाज़ा युद्ध को खत्म करने वाले समझौते पर सहमत हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि यह “ग़ाज़ा शांति प्रस्ताव” मध्य पूर्व में स्थायी शांति लाएगा और इसकी तैयारियों का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने बताया, “हमें ग़ाज़ा समझौते को लागू करना है और सब इसके पक्ष में हैं। आज मेरी जॉर्डन के राजा से बात हुई, तुर्किये, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब—सभी ने इस समझौते में सहयोग किया है।” उन्होंने कहा कि क़तर ने भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई है और समझौते को आगे बढ़ाने में अमेरिका की मदद की है।
रूसी समाचार चैनल रशिया टुडे ने ट्रंप के हवाले से रिपोर्ट किया कि “ग़ाज़ा समझौता मध्य पूर्व में शांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। हमारे पास मजबूत उम्मीद है कि यह समझौता सफल और स्थायी होगा।”
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि “ईरान की ओर से मज़बूत संकेत मिले हैं कि, वे ग़ाज़ा समझौते को पूरा करने के इच्छुक हैं।” उनके अनुसार, सभी अरब और इस्लामी देश इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि “हमास ने भी कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति जताई है और सकारात्मक भूमिका निभाई है।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने आगे कहा कि अमेरिका ग़ाज़ा में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई पर काम कर रहा है। “हम जल्द ही ग़ाज़ा में एक व्यापक समझौते तक पहुँच जाएंगे। सभी पक्ष इसके लिए प्रयासरत हैं, और मुझे लगता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं,” उन्होंने कहा।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब ग़ाज़ा में लगातार संघर्ष जारी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्ध-विराम की मांग कर रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि, ट्रंप की इस घोषणा से ज़मीन पर स्थिति में तुरंत बदलाव की संभावना कम है, लेकिन यह संकेत देता है कि अमेरिका ग़ाज़ा संकट को कूटनीतिक तरीके से समाप्त करने की कोशिश कर रहा है।

