ब्रिटेन: फ़िलिस्तीन एक्शन समूह के समर्थन में ज़ोरदार प्रदर्शन, 900 गिरफ्तार
लंदन में शनिवार को फ़िलिस्तीन एक्शन समूह के समर्थन में बड़ा प्रदर्शन किया गया, जिसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए ब्रिटिश पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। ब्रिटिश पुलिस ने बताया कि शनिवार को फ़िलिस्तीन एक्शन की समर्थन रैली के दौरान क़रीब 900 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जबकि सरकार ने जनता से अपील की है कि इस प्रतिबंधित संगठन के समर्थन में प्रदर्शन न करें।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, लंदन पुलिस ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान प्रतिबंधित समूह का समर्थन करने पर 857 लोगों को आतंकवाद-निरोधक क़ानूनों के तहत पकड़ा गया, जबकि 33 अन्य को पुलिस अधिकारियों पर हमले और अन्य अपराधों के आरोप में हिरासत में लिया गया।
ब्रिटेन ने जुलाई में रॉयल एयरफ़ोर्स के बेस में घुसकर सैन्य विमानों को नुक़सान पहुँचाने की घटना के बाद फ़िलिस्तीन एक्शन को आतंकवाद-निरोधक क़ानूनों के तहत प्रतिबंधित घोषित किया था। इससे पहले यह समूह इज़रायल से जुड़ी रक्षा कंपनियों को निशाना बनाने और तोड़फोड़ की घटनाओं में भी शामिल रहा है। यह संगठन प्रधानमंत्री कीर स्टॉर्मर की सरकार पर आरोप लगाता है कि, वह ग़ाज़ा में कथित इज़रायली युद्ध अपराधों में साझेदार है।
फ़िलिस्तीन एक्शन के सैकड़ों समर्थक बाद में अलग-अलग प्रदर्शनों में गिरफ़्तार किए गए, जिनमें बड़ी संख्या 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, लंदन पुलिस ने कहा कि सेंट्रल लंदन में संसद के क़रीब हुए प्रदर्शन में 890 लोगों को पकड़ा गया। यह अब तक किसी एक प्रदर्शन में गिरफ़्तारियों की सबसे बड़ी संख्या है। इनमें से 857 को प्रतिबंधित संगठन का समर्थन करने पर और बाक़ी को पुलिस अधिकारियों पर हमला करने के आरोप में हिरासत में लिया गया, क्योंकि पुलिस के अनुसार प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
डिप्टी असिस्टेंट कमिश्नर क्लेयर स्मार्ट ने कहा कि “ऑपरेशन के दौरान हमें जिस हिंसा का सामना करना पड़ा, वह एक ऐसे समूह द्वारा संगठित रूप से किया गया था जिसका मक़सद अधिक से अधिक अशांति फैलाना था।” प्रदर्शन आयोजित करने वाले समूह “डिफेंड आवर ज्यूरिज़” ने कहा कि गिरफ़्तार लोगों में पादरी, पूर्व सैनिक और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ता शामिल थे, जिनमें बड़ी संख्या बुज़ुर्गों और कुछ विकलांग लोगों की भी थी। उनका कहना था कि “यह सामूहिक नागरिक अवज्ञा तब तक जारी रहेगी जब तक प्रतिबंध समाप्त नहीं किया जाता।”
रक्षा मंत्री जॉन हीली ने कहा कि यह कड़ा क़दम इसलिए ज़रूरी था ताकि, दक्षिणपंथी आलोचकों की “दोहरा मापदंड” वाली पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था पर की जाने वाली शिकायतों का जवाब दिया जा सके। उन्होंने स्काई न्यूज़ से बातचीत में कहा, “जब हम ग़ाज़ा से आने वाली तस्वीरें देखते हैं तो लगभग हर कोई उस पीड़ा को महसूस करता है, और जो लोग अपनी चिंता व्यक्त करना और प्रदर्शन करना चाहते हैं, मैं उनका समर्थन करता हूँ। लेकिन यह ज़रूरी नहीं है कि वे इसे फ़िलिस्तीन एक्शन जैसे प्रतिबंधित समूह के समर्थन से जोड़े।”
हाल के हफ़्तों में गिरफ़्तार किए गए अधिकांश लोगों को पुलिस, ज़मानत पर रिहा कर रही है और यह स्पष्ट नहीं है कि फ़िलहाल कितने लोग अभी भी हिरासत में हैं।

